Chand shayari चाँद भी सूरज से ही चमकता है,

 

चाँद भी सूरज से ही चमकता है,
फुल खिलने के बाद ही महकता है,
सनम प्यार करने वाले कहते नहीं..
उनकी आँखों से प्यार छलकता है…

 

 

Chand bhi suraj se hi chamakta he,

ful khilne ke bad hi mehkata he, 

sanam pyar karne wale kehte nahi,

unki aankho se pyar chalkata he..

 

Chand shayari चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,

 

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे शायद,
हमारी तकदीर ही हमसे खफा
निकली..

 

 

Chand ka kya kasoor agar rat bewafa nikli,

kuch pal thehari aur fir chal nikli, 

un se kya kahe vo to sacche the shayad,

hamari takdeer hi hamse khafa nikli..

 

Chand Shayari दूर इसी आसमां तले वो बैठा हैं

दूर इसी आसमां तले वो बैठा हैं

मेरी गुस्ताखी पे ना जाने कब से ऐठा हैं

ए चाँद तू ही उसे समझा दे जरा

तेरा पिया यहाँ साँस रोके बैठा हैं

Door isi aasma tale vo betha he,

meri gustakhi pe na jane kab se entha he,

ae chand tu hi use samjha de jara,

tera piya yaha saans roke betha he.