मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया..
Mujhko fir vahi suhana nzjara mil gaya,
in aankho ko deedar tumhara mil gaya,
ab kisi aur ki tamanna ku me karu,
jab mujhe tumhari baho ka sahara mil gaya..