Bewafa shayari इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है

 

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है
खामोशियो की आदत हो गयी है
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से अगर है तो
एक मोहब्बत जो इन तन्हाइयों से हो गई है

 

Intezar ki aarzu ab kho gayi he ,

khamoshiyo ki ab aadat ho gayi,

na shikwa raha na shikayat kisi se agar he to ,

ek mohabbat jo in tanhaiyo se ho gayi he ..