Bewafa shayari हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए

 

हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए,
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए

 

 

Ham simatate gaye unme aur vo hame bhulate gaye,

ham marte gaye unki berukhi se,aur vo hame aajmate gaye