सभ्यता जहाँ पहले आई, पहले जनमी है जहाँ पे कला अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले
है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ
Sabhyata jaha pahle aai, pahle janmi he jaha pe kala
apna bharat vo bharat he,jiske piche sansar chala
sansar chala or aage bada,jyo aage bada,bhadta hi gaya
bhagwan kare ye or bade,badta hi rahe or fule fale
he preet jahan ki reet sada me geet vaha ke gata hu