रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा
Rone ki saza na rulane ki saza he,
ye dard mohabbat ko nibhane ki saza he,
hanste he to aankhon se nikal aate he aansu,
ye us shaks se dil lagane ki saza he..