Nafrat shayari कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा

 

कुछ इस अदा से निभाना है

किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे

वो नफरत भी ना कर सके..

 

 

Kuch is ada se nibhana he 

kirdar mera mujhko,

jinhe mohabbat na ho mujhse,

vo nafrat bhi na kar sake..

 

Nafrat shayari कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था

 

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था

सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था

सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है

जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था

 

 

Kabhi usne bhi hame chahat ke paigam likha the,

sabkuch usne apna hamare nam likha tha,

suna he unko aaj hamare jikar se bhi nafrat he,

jisne kabhi apne dil par hamara nam likha tha..