Love shayari ना ही कोई ज़िद ना कोई गुरूर है मुझे

 

ना ही कोई ज़िद ना कोई गुरूर है मुझे,
बस एक आपको पाने का सुरूर है मुझे,
प्यार गुनाह है तो हाँ की हाँ मैंने यह गलती,
चाहे सज़ा जो भी हो इसकी मंजूर है मुझे..

 

 

Na hi koi jidd na koi gurur he mujhe,

bas ek apko pane ka surur he mujhe,

pyar gunah he to ha ki mene ye galti ,

chahe saja jo bhi ho iski manjur he mujhe..

 

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