जब खामोश आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है
Jab khamosh ankho se bat hoti he,
to ese hi mohabbat ki shurvat hoti he,
tere hi khayalo me khoye rehte he,
na jane kab din aur kab rat hoti he..