Garibi shayari सर्दी, गर्मी, बरसात और तूफ़ान मैं झेलता हूँ

 

सर्दी, गर्मी, बरसात और तूफ़ान मैं झेलता हूँ
गरीब हूँ..खुश होकर जिंदगी का हर खेल खेलता हूँ

 

 

Sardi garmi barsat or tufaan me jhelta hu,

garib hu..khush hokar zindagi ka har khel khelta hu..

 

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