वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान
लेते हो हजारों के बीच,
मैंने मुस्करा के कहा,तेरी आँखों से ही
शुरू हुआ था इश्क हज़ारों के बीच..
Vo kehne lagi najab me bhi
pehchan lete ho hajaro ke bich,
mene muskurake kaha teri aankho se hi,
shuru hua tha ishk hajaro ke bich..