Shayari on Eyes ….

Shayari on eyes वो कहने लगी,नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच

 

वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान

लेते हो हजारों के बीच,

मैंने मुस्करा के कहा,तेरी आँखों से ही

शुरू हुआ था इश्क हज़ारों के बीच..

 

 

Vo kehne lagi najab me bhi 

pehchan lete ho hajaro ke bich,

mene muskurake kaha teri aankho se hi,

shuru hua tha ishk hajaro ke bich..

 

Shayari on eyes उसने आँखों से आँखें जब मिला दी,

 

उसने आँखों से आँखें जब मिला दी,
ज़िंदगी झूम कर मुस्कुरा दी,
ज़ुबान से तो हम कुछ न कह सके
पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी.

 

 

Usne aankho se aankhe jab mila di,

zindagi jhum ke muskura di,

zuban se to ham kuch na keh sake,

par aankho ne dil ki kahani suna di..