Nafrat Shayari …

Nafrat shayari कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा

 

कुछ इस अदा से निभाना है

किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे

वो नफरत भी ना कर सके..

 

 

Kuch is ada se nibhana he 

kirdar mera mujhko,

jinhe mohabbat na ho mujhse,

vo nafrat bhi na kar sake..

 

Nafrat shayari अगर तुम थे सनम बेवफा तो

 

अगर तुम थे सनम बेवफा तो

आंखे मिलाई ही क्यूं थी,

छोड़ के जाना ही था तो अपनी

आदत लगाई ही क्यूं थी..

 

 

Agar tum the sanam bewafa

to aankhe milai hi kyo thi,
Chod ke jana hi tha to apni

aadat lagai hi kyou thi..