छुपाना चाहता हूँ तुम्हे अपनी आग़ोश में इस क़दर,
कि हवा भी गुज़रने की इज़ाजत माँगे,
हो जाऊँ मैं मदहोश तुम्हारे इश्क़ में इस क़दर,
कि होश भी आने की इज़ाजत माँगे..
Chupana chahta hu tumhe apni aagosh me is kadar,
ki hawa bhi gujarne ki izazat mange,
ho jau me madhosh tumhare ishk me is kadar,
ko hosh bhi aane ki izazat mange..