टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते,
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते..
Tutne lage honsale to ye yad rakhna,
bina mehnat ke takhto taj nahi milte,
dhund lete he andhero me manjil apni,
kunki jugnu kabhi roshni ke mohtaj nahi hote..